
न्यूज़ डेस्क पटना :गया (बिहार): गया जिले के आमस प्रखंड का चंडिस्थान इस बार भी दुर्गा पूजा का मुख्य आकर्षण बनने जा रहा है। नवरात्रा करीब आते ही यहां पूजा की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं। समिति के सदस्य और स्थानीय लोग मिलकर चंदा इकट्ठा करने में जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर पंडाल और प्रतिमा निर्माण का काम भी तेजी से चल रहा है।
बैठक में हुआ बड़ा फैसला

मंगलवार की रात पूजा समिति की ओर से एक अहम बैठक की गई। इसमें भव्य पंडाल, आकर्षक प्रतिमा और सजावट पर विस्तार से चर्चा हुई। सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि पंडाल निर्माण का कार्य बंगाल के कुशल कारीगरों से कराया जाएगा, ताकि इस बार का पंडाल और भी खास दिखे।

चंडिस्थान पूजा की अलग पहचान
पूजा समिति के संयोजक मोनू वर्णवाल ने बताया कि पूरे आमस प्रखंड में चंडिस्थान की दुर्गा पूजा सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। हर साल यहां हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। यही कारण है कि इस आयोजन की जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है। इस बार कुल खर्च का अनुमान लगभग ढाई लाख रुपये रखा गया है। पंडाल और सजावट को नवरात्र की पंचमी तिथि तक पूरा करने का लक्ष्य है।
मूर्ति और सजावट की तैयारी
इस बार की प्रतिमा का निर्माण उपेन्द्र प्रजापत की देखरेख में किया जा रहा है। मूर्ति को पारंपरिक रूप के साथ-साथ आकर्षक अंदाज में तैयार किया जा रहा है। पंडाल की सजावट का जिम्मा छोटू सिंह को दिया गया है, जो अपनी टीम के साथ मिलकर शानदार कलाकृतियों और लाइटिंग से पंडाल को सजाने में जुटे हैं, वहीँ स्टेज डेकोरेशन व इंटीरियर डेकोरेशन का काम कालेन्द्र चौरसिया को दिया गया है जो अपने सालों के अनुभव व कुशल कारीगरों द्वारा साज सजावट का कार्य करेंगे |
समिति में उत्साह
बैठक में कई स्थानीय लोग शामिल हुए, जिनमें उमेश वर्णवाल, सुरेंद्र विश्वकर्मा, धनंजय सिंह, संपी, शेखर चौरसिया, सोनू गुप्ता, नीरज चौरसिया, शंभू यादव, प्रवेश वर्णवाल और नितेश समेत बाजार के अन्य लोग भी मौजूद थे। सभी ने आयोजन को सफल बनाने के लिए अपनी जिम्मेदारी और सहयोग देने का संकल्प लिया।
आस्था और सामाजिक एकता का प्रतीक
चंडिस्थान का दुर्गा पूजा सिर्फ धार्मिक उत्सव ही नहीं, बल्कि सामाजिक एकजुटता और आपसी भाईचारे का भी प्रतीक माना जाता है। आयोजकों का कहना है कि इस बार का पंडाल और प्रतिमा न केवल भक्तों को भक्ति भाव से जोड़ेंगे, बल्कि आमस प्रखंड की पहचान को भी और मजबूत करेंगे।